दिल्ली हुई अनसेफ, सुरक्षातंत्र फेल
- By Vinod --
- Sunday, 01 Dec, 2024
Delhi became unsafe, security system failed
समग्र अपराध: 308 हत्याएं, 1,034 डकैती, फिरौती के लिए छह अपहरण और 144 जबरन वसूली के मामले
निवासी सख्त कानून प्रवर्तन और अधिक प्रभावी पुलिसिंग की मांग कर रहे
Delhi became unsafe, security system failed- नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में आप भी अनसेफ हो सकते हैं। बढ़ते अपराधों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से लोग हर वक्त दहशत में हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार हो या फिर दिल्ली पुलिस, दोनों की तरफ से अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए अपनाई जा रही हर तरीके इन अपराधों के आगे फेल साबित हो रही है। यही वजह है कि पिछले दो वर्षों में डकैती, लूट और चोरी के मामलों में 50 प्रतिशत की वृद्धि ने अब हर किसी को सोचने को मजबूर कर दिया है।
दिल्ली में घरों को निशाना बनाकर किए जाने वाले अपराध 2024 में बढ़ गए हैं। पिछले साल की तुलना में डकैती में 23 प्रतिशत और चोरी में 25.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यही नहीं माल की सुरक्षा के साथ साथ व्यक्ति की जान पर सवाल खड़े हो चुके हैं। यानी दिल्ली में हत्या के प्रयास में भी 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस आंकड़े ने खुद को पुलिस को चौंका दिया है। हैरानी की बात यह है कि घर की चारदिवारी के अलावा आप खुद को भी सडक़ पर भी अनसेफ समझिए। घातक दुर्घटनाओं में भी 5 प्रतिशत की वृद्धि आपको सचेत कर रही है। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों से पता चलता है कि कुल अपराध के आंकड़े ऊंचाई पर पहुंच रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने उच्च अपराध वाले क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी है और महिलाओं के लिए सडक़ सुरक्षा और सुरक्षा में सुधार के लिए पहल शुरू की है। हालांकि, निवासी सख्त कानून प्रवर्तन और अधिक प्रभावी पुलिसिंग की मांग कर रहे हैं। सेवानिवृत्त अधिकारी बढ़ती अपराध दरों को संबोधित करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर देते हैं, जिसमें पुलिस की उपस्थिति, सामुदायिक भागीदारी और विधायी सुधार शामिल होंगे।
समझिए कैसे हैं आप अनसेफ
राजधानी के समग्र आपराधिक रिकार्ड पर नजर दौड़ाएं तो 2024 में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भारतीय न्याय संहिता के तहत कुल 1,74,253 अपराध दर्ज किए गए हैं। इनमें 308 हत्याएं, 1,034 डकैती, फिरौती के लिए छह अपहरण और 144 जबरन वसूली के मामले शामिल हैं। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध चिंता का विषय बने हुए हैं, बलात्कार के 1,342 मामले और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के तहत घटनाएं दर्ज की गई हैं। हालांकि, बलात्कार के मामलों में पिछले साल की तुलना में 4त्न की गिरावट देखी गई है। चोरी और स्नैचिंग के मामले भी बढ़े।
दिल्ली यूं दे रही दर्द
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में घरों को निशाना बनाकर किए जाने वाले अपराध में तेजी से वृद्धि हुई, जिसमें 2023 की तुलना में डकैती की वारदातों में 23 प्रतिशत और 2022 की तुलना में 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यानी लोग अपनी गाढ़ी कमाई से हाथ धो बैठे। पिछले साल की तुलना में चोरी की घटनाओं में भी 25.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2022 की तुलना में 60 प्रतिशत की चिंताजनक वृद्धि है। जनवरी से अगस्त तक के अपराधों को कवर करने वाले आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल की तुलना में इस साल हत्या के प्रयासों में 18 प्रतिशत की वृद्धि ने खुद को पुलिस को भी चौंका रखा है।
सडक़ सुरक्षा संबंधी चिंताएं
आंकड़ों के अनुसार, 2024 में दिल्ली की सडक़ें और भी ज़्यादा ख़तरनाक हो जाएंगी, क्योंकि 2023 और 2022 की तुलना में घातक दुर्घटनाओं में 5त्न की वृद्धि दर्ज की गई है। यह हर साल सडक़ दुर्घटनाओं में मामूली गिरावट के सामान्य रुझान से उलट है। अन्य महत्वपूर्ण अपराध आंकड़ों में झपटमारी के 4,316 मामले, चोरी के 5,735 मामले, घरों में चोरी के 12,698 मामले और वाहन चोरी के 25,140 मामले शामिल हैं। जबकि जघन्य अपराध लगभग 10 प्रतिशत रहे हैं।
चोरी और छीना झपटी के मामले
अन्य महत्वपूर्ण अपराध आंकड़ों में स्नैचिंग के 4,316 मामले, 5,735 चोरी, 12,698 घरों में चोरी और 25,140 वाहन चोरी के मामले शामिल हैं। जबकि जघन्य अपराध 2023 के लगभग समान ही रहे हैं, केवल 2 प्रतिशत भिन्नता के साथ, अधिकारियों ने डकैती में 4.7त्न, हत्याओं में 9 प्रतिशत और स्नैचिंग में 16 प्रतिशत की कमी पर प्रकाश डाला है।
ऐतिहासिक अपराध रुझान
2023 के आंकड़ों में फिरौती के लिए अपहरण जैसे अपराधों में भी चिंताजनक रुझान देखने को मिला है, जो 2022 की तुलना में लगभग दोगुना हो गया है। पिछले साल दिल्ली में औसतन हर दिन 110 वाहन चोरी हुए। डकैती के मामलों में 61 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि जबरन वसूली और यौन उत्पीड़न के मामलों में क्रमश: 9 प्रतिशत और 3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।